जब उत्तर भारत ख़िलजी, तुग़लक़, ग़ोरी, सैयद, बहमनी और लोदी वंश के विदेशी मुसलमानों के हाथों रौंदा जा रहा था तब भी दक्षिण भारत के "विजयनगर साम्राज्य" (1336-1665) ने 300 से अधिक वर्षों तक दक्षिण मे हिन्दू अधिपत्य कायम रखा ! इसी विजयनगर साम्राज्य के महाप्रतापी राजा थे "कृष्णदेव राय" ।
बाबरनामा, तुज़के बाबरी सहित फ़रिश्ता, फ़ारस के यात्री अब्दुर्रज्जाक ने "विजयनगर साम्राज्य" को भारत का सबसे वैभवशाली, शक्तिशाली और संपन्न राज्य बताया है, जहां हिन्दू-बौद्ध-जैन धर्मामलंबी बर्बर मुस्लिम आक्रान्ताओं से खुद को सुरक्षित पाते थे । जिनके दरबार के 'अष्ट दिग्गज' में से एक थे महाकवि "तेनालीराम", जिनकी तेलगू भाषा की कहानियों को हिन्दी-उर्दू मे रूपांतरित कर "अकबर-बीरबल" की झूठी कहानी बनाई गयी ।बुद्धिमान बीरबल शर्मनाक तरीके से एक लड़ाई में मारा गया. बीरबल अकबर के किस्से असल में मन बहलाव की बातें हैं जिनका वास्तविकता से कोई सम्बन्ध नहीं.
इसी शक्तिशाली साम्राज्य मे एक "सेक्युलर राजा रामराय" का उदय हुआ, जिस "शक्तिशाली विजयनगर साम्राज्य" पर 300 साल तक विदेशी आक्रांता गिद्ध आंख उठा कर देखने की हिम्मत नही कर सके थे, उसे एक सेक्युलर सोच ने पल भर मे खंडहर मे तब्दील कर दिया ।